अभ्यास के प्रश्न एवं उत्तर
प्रश्न 1. ईद के दिन अमीना क्यों उदास थी ?
उत्तर - ईद का दिन खुशी एवं मस्ती का दिन होता है। ऐसे पवित्र एवं खुशी के दिन अमीना उदास है, क्योंकि उसके घर में अन्न का दाना नहीं है । पुत्र एवं पुत्रवधू की मृत्यु के कारण हामिद के पालन-पोषण का भार उस पर है । उसके पास पैसे नहीं हैं कि वह हामिद को नया कपड़ा बनवा दे । इसी कारण वह उदास है ।
प्रश्न 2. हामिद मिठाई या खिलौने के बदले चिमटा पसंद करता है, क्यों ?
उत्तर- हामिद मिठाइयाँ या खिलौने के बदले चिमटा इसलिए पसंद करता है क्योंकि रोटी सेंकते समय दादी की उँगली जल जाती थी। अगर वह चिमटा लेकर दादी को देगा, उसकी उँगली नहीं जलेगी। मिठाई या खिलौने थोड़े समय सुख देने वाले हैं । इसीलिए उसने चिमटा ही पसंद किया।
प्रश्न 3. मेला जाने से पहले हामिद दादी से क्या कहता है?
उत्तर-मेला जाने से पहले हामिद दादी से कहता है कि अम्मा तुम बिल्कुल डरना नहीं । मैं सबसे पहले मेला देखकर आ जाऊँगा ।
प्रश्न 4. मेले में चिमटा खरीदने से पहले हामिद के मन में कौन-कौन से विचार आये? वर्णन करें।
उत्तर-मेले में चिमटा खरीदने से पहले हामिद के मन में खिलौने खरीदने का विचार आया, लेकिन उसने यह सोचकर खिलौने खरीदने का विचार छोड़ दिया, क्योंकि उसके पास तीन पैसे ही थे, इतने महँगे खिलौने वह कैसे ले, कहीं हाथ से छूट गया तो चूर-चूर हो जाएगा, यदि पानी पड़ा तो सारा रंग धुल जाएगा । इसलिए ऐसा खिलौना लेना बेकार है ।
प्रश्न 5. हामिद ने चिमटे को किन-किन रूपों में उपयोग करने की बात कही है ?
उत्तर-हामिद ने चिमटे को बंदूक, मंजीरे, बहादुर शेर के रूप में उपयोग करने की बात कही । जैसे-कंधे पर रखो तो बंदूक हो गई । हाथ में लिया तो फकीरों का चिमटा हो गया। यह मंजीरा के काम भी आ सकता है । -
प्रश्न 6. ईदगाह कहानी आपको कैसे लगती है ? इसकी मुख्य विशेषता बताइए।
उत्तर-'ईदगाह' कहानी मुझे अच्छी लगती है, इसके कई कारण है:-
सर्वप्रथम इस कहानी का सम्पूर्ण वातावरण या परिवेश हमारे सामान्य जीवन के परिवेश से जुड़ा हुआ है। अत: इसके साथ हमारा आत्मिक सम्बन्ध स्वाभाविक है ।
दूसरा कारण है कि यह कहानी बाल-मनोविज्ञान पर आधारित है । इसमें बाल मन की प्रवृत्तियों का सटीक चित्रण किया गया है । कहानी में बाल-पात्रों का चित्रण अनुकरणीय है । इस कहानी की भाषा-शैली की सहजता और बोधगम्यता भी इसके अच्छा लगने का एक कारण है । -
'ईदगाह' कहानी की प्रमुख विशेषताएँ हैं 6 :
(1) इस कहानी में बाल-मनोविज्ञान का सूक्ष्म निरीक्षण किया गया है ।
(2) इस कहानी में आदर्श और यथार्थ का पूर्ण समन्वय हुआ है।
(3) इस कहानी का आधार मानवीय है।
(4) इस कहानी में वर्णन-कौशल की रोचकता है ।
(5) इस कहानी का हमारे व्यावहारिक जीवन के साथ सीधा सम्बंध है ।
(6) यह कहानी सार्थक, उपयुक्त और प्रभावपूर्ण है।
प्रश्न 7. चिमटा देखकर अमीना के मन में कैसा भाव जगा ?
उत्तर-हामिद के हाथ में चिमटा देखकर अमीना चौंक पड़ी तथा छाती पीटने लगी कि यह कैसा बेसमझ लड़का है, न कुछ खाया और न पिया, एक चिमटा लेकर घर आ गया । रोटियाँ सेकते समय तुम्हारे हाथ जल जाते हैं, इसीलिए चिमटा खरीद लिया कि अब अम्मा का हाथ नहीं जलेगा । पोते की अपने प्रति स्नेहपूर्ण भावना जानकर उसका क्रोध स्नेह में बदल गया । वह अपने पोते के सामने बालिका बन गई । उसकी आँखों से आंसू गिरने लगते हैं और वह उसे दुआएँ देने लगती हैं।
प्रश्न 8. ईदगाह कहानी की प्रमुख विशेषताएँ बताइए ।
उत्तर-'ईदगाह' मानवीय धरातल पर आधारित एक यथार्थवादी कहानी है । सम्पूर्ण समाज का प्रतिनिधित्व करनेवाली यह कहानी धार्मिक न होकर मानवीय है । पूरी कहानी का वातावरण बड़ा ही सघन है । कहानीकार ने बाल-मनोविज्ञान का सूक्ष्म निरीक्षण किया है । कहानी में कहीं भी गंभीर कौतूहल नहीं है । कहानी के अन्तिम अनुच्छेद का यह वाक्य "बच्चे ने बूढ़े हामिद का पाठ खेला था" इसके आधार-बिन्दु को समझने की कुंजी है । एक छोटे-से बालक का बड़े-बूढ़ों जैसा व्यवहार और विवेक उसकी गरीबी ने उत्पन्न किया था । प्रस्तुत कहानी की भाषा सरल, सुबोध एवं पात्रोचित है । मुहावरों की भरमार ने कहानी को और भी रोचक बना दिया है ।
प्रश्न 9. निम्नलिखित अनुच्छेद को पढ़िए और उसके आधार पर दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
(क) नमाज खत्म करने के बाद लोग क्या कर रहे थे ?
उत्तर: नमाज खत्म होने के बाद लोग आपस में गले मिल रहे थे।
(ख) दुकानों में किसे-किस तरह के खिलौने थे ?
उत्तर: दुकानों में तरह-तरह के खिलौने थे, जैसे-सिपाही, गुजरिया, राजा, वकील, भिश्ती,धोबिन और साधु ।
(ग) वे खिलौने किस चीज के बने थे ?
उत्तर: वे खिलौने मिट्टी के बने थे ।
(घ) महमूद, मोहसिन और नूरे ने कौन-कौन से खिलौने खरीदे ?
उत्तर: महमूद ने सिपाही, मोहसिन ने भिश्ती तथा नूरे ने वकील खिलौने खरीदे ।
(ङ) परिच्छेद में सिपाही, भिश्ती और वकील के हुलिये का वर्णन किया गया है। -इसी प्रकार आप राजा और साधु के हुलिये का वर्णन कीजिए ।
उत्तर: अन्य को राजा पसंद आया । सिर पर मुकुट पहने सिंहासन पर बैठा तो किसी और को जटाधारी साधु, हाथ में चिमटा लिए हुए ।
(च) अनुच्छेद में आए विशेषण शब्दों को छाँटकर लिखिए ।
उत्तर: खाकी, लाल, काला, सफेद, महंगे ।
(छ) 'वर्दी' और 'पोथा' के समानार्थी लिखिए ।
उत्तर: वर्दी-पोशाक, पोथा पुस्तक ।
पाठ से आगे :
प्रश्न 1. महमूद, मोहसिन, नूर और हामिद में किसका चरित्र अच्छा लगा ? कारण बताइए।
उत्तर-महमूद, मोहसिन, नूर और हामिद में हामिद का चरित्र अच्छा लगा, क्योंकि वह संतोषी, निर्भीक, साहसी तथा विवेकशील है । वह गरीब है लेकिन वह किसी से कुछ माँगता नहीं है । वह दादी से कहता है-'डरना नहीं, मैं सबसे पहले आ जाऊँगा ।' कोसों दूर ईदगाह अकेले चल जाता है और वह भूखे-प्यासे रहकर अपने पास के तीन पैसे से दादी के लिए चिमटा खरीदता है । अत: वह संवेदनशील एवं मानवीय गुणों से परिपूर्ण है ।
प्रश्न 2. क्या हामिद बच्चों की सामान्य छवि से अलग हटकर एक नयी छवि प्रस्तुत करता है ? कैसे?
उत्तर-'ईदगाह' कहानी का मुख्य पात्र हामिद चार-पाँच वर्ष का एक छोटा बच्चा है । वह एक भोला-भाला सहज मासूम बालक है । इसके माता-पिता मर चुके हैं । पर, इस सत्य से वह सर्वथा अनभिज्ञ है । वह इस बात से प्रसन्न है कि उसके अब्बाजान रुपये कमाने गए हैं और अम्मीजान अल्ला मियों के घर से अच्छी-अच्छी चीजें लाने गई हैं । उसे इस बात की चिन्ता नहीं कि उसके पाँव में जूते नहीं, उसकी पुरानी टोपी या गोटा काला पड़ गया है । उसमें बालकोचित उमंग और उत्साह के साथ बालसुलभ जिज्ञासा भी है । ईदगाह मेला जाने के क्रम में उसका उत्साह देखते ही बनता है । मेले में मिठाइयों की ढेर देखकर वह जिज्ञासा प्रकट करता है कि इन सारी मिठाइयों को कौन खरीदता होगा ? उसमें प्रबल वाक्-कला और तर्क शक्ति है । इसी शक्ति के कारण वह अपने चिमटे को अन्य बच्चों के खिलौनों से बहादुर और श्रेष्ठ सिद्ध करता है । दादी के प्रति उसके हृदय में असीम स्नेह है। तभी तो वह मेले में खिलौने और मिठाइयाँ न खरीदकर चिमटा खरीदता है । निर्धनता से उत्पन्न विवेक ने हामिद को बाल सुलभ इच्छाओं से समझौता करना सिखा दिया है।
प्रश्न 3. “चुनौती बच्चे को परिपक्व बना देती है ।" इस उक्ति की व्याख्या कीजिए।
उत्तर-प्रस्तुत संदर्भ के माध्यम से कहानीकार ने यह सिद्ध करने का प्रयास किया है कि गरीबी के कारण एक छोटा बालक किस प्रकार वृद्धोचित विवेक का परिचय देता है ।
रमजान के पूरे तीस दिन के बाद ईद का त्योहार आया है । गाँव में सर्वत्र उल्लासमय चहलपहल है । बड़े-बूढ़ों से बच्चे अधिक प्रसन्न हैं । उसी गाँव में हामिद का नाम का चार-पाँच साल का एक गरीब लड़का है । उसके माँ-बाप मर चुके हैं । बूढ़ी दादी अमीना घोर गरीबी में उसका लालन-पालन करती है। ईद के मेले में जाने के लिए उसे तीन पैसे देती है। अन्य बच्चे खिलौने खरीदते हैं, मिठाइयाँ खाते हैं, किन्तु हामिद तीन पैसे से एक चिमटा खरीद लेता है । क्योंकि रोटियाँ सेंकते समय उसकी दादी की उँगलियाँ जल जाती है। इससे स्पष्ट होता है कि चुनौती बच्चे को परिपक्व बना देती है । -
प्रश्न 4. 'त्योहार हमारे जीवन के अभिन्न अंग हैं । इस कहानी की व्याख्या कीजिए।
उत्तर-त्योहार किसी भी समाज या देश की संस्कृति की पहचान है । इनका हमारे जीवन के साथ गहरा संबंध है । ये हमारे जीवन के अभिन्न अंग हैं । हमारे देश में अनेक प्रकार के त्योहार मनाये जाते हैं; जैसे-होली, दीवाली, दुर्गापूजा, छठ । ये धार्मिक त्योहार हैं तो स्वतंत्रता दिवस एवं गणतंत्र दिवस राष्ट्रीय त्योहार हैं । इसी प्रकार मकरसंक्रांति, वैशाखी, पोंगल, वीहू, , सरहुल कृषि से संबंधित त्योहार हैं तो ईद, मुहर्रम मुसलमानों का तथा क्रिसमस ईसाइयों का त्योहार है । ये त्योहार हमें प्रेम, त्याग, भाईचारे आदि का भाव सिखाते हैं तथा सारे संकीर्ण विचारों का त्याग करने का संदेश देते हैं । ये हमारी राष्ट्रीय संस्कृति का प्रकाश स्तम्भ है । ये हमें वैर-भाव भुलाकर सबके साथ आदर्श व्यवहार करना सिखाते हैं । अतः ये त्योहार हमें सारे दु:खों, कष्ट आदि में मस्त रहना सिखाते हैं
व्याकरण:
प्रश्न-वाक्य में प्रयोग कीजिए :
उत्तर
(क) रंग जमाना (प्रभाव डालना)-मीरा के नृत्य दर्शकों पर रंग जमा दिया ।
(ख) गद्गद् होना (खुश होना)-विदेश से आए पुत्र को देखकर माँ गद्गद् हो गई ।
(ग) भेंट चढ़ना (मारा जाना)-मोहन के पिता कैंसर की भेंट चढ़ गये।
(घ) बाल बाँका न होना (कोई नुकसान न होना)-मेरे सामने आपका कोई बाल भी बाँका नहीं कर सकता ।
(ङ) पैरों में पर लगना (खूब तेज चलना)-वह इतनी तेजी से भागा मानो उसके पैरों में पर लग गए हैं। -
(च) कुबेर का धन मिल जाना (काफी धनी होना)-तुम्हारी शान देखकर ऐसा लगता है जैसे तुम्हें कुबेर का धन मिल गया है ।
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