1 जल और जंगल|class 7|science|Bihar board Solution|jal or jangal


 

अभ्यास प्रश्न और उनके उत्तर


प्रश्न 1. निम्नलिखित कथन सत्य हैं अथवा असत्य ? 

(क) वर्षा जल का नरम स्रोत है।

(ख) नदियों का जल खेतों में सिंचाई का एकमात्र साधन है। 

(ग) जल की कमी की समस्या का सामना केवल ग्रामीण क्षेत्रों के निवासी करते हैं। 

उत्तर-(क) सत्य (ख) असत्य (ग) असत्य । 

प्रश्न 2. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए : 

(क) भौमजल प्राप्त करने के लिए कुओं तथा हैंडपंपों का उपयोग होता है।

(ख) जल की तीन अवस्थाएँ  ठोस, द्रव और गैस है। 

(ग) भूमि की जल धारण करनेवाली परत जलभरकहलाती है। 

प्रश्न 3. समझाइए के भौमजल की पुनः पूर्ति किस प्रकार होती है? 

उत्तर - भौमजल की पुन: पूर्ति वर्षाजल के स्रवण द्वारा हो जाती है। वर्षा के अलावा कोई भी अन्य साधन नहीं है, जिससे भौमजल की पुनःपूर्ति हो सके । वर्षा का जल जमीन की दरारों से होकर भूमि के अन्दर एकत्र हो जाता है। 

प्रश्न 4. भौमजल स्तर के नीचे गिरने के लिए उत्तरदायी कारकों को समझाइए ।

उत्तर- भौमजल स्तर को नीचे गिरने के उत्तरदायी कारक हैं उद्योगों का बढ़ना । रासायनिक उर्वरकों के अधिक योग के कारण भी अधिक सिंचाई की आवश्यकता पड़ती है। जनसंख्या की वृद्धि से भी जल का उपयोग बढ़ा है। सेप्टिक शौचालय से भी जल की खपत बढ़ी है। पहले जहाँ एक लोटा जल से ही व्यक्ति शौच से निपट लेता था, वहीं सेप्टिक शौचालय में प्रति व्यक्ति कम-से-कम एक बड़ी बाल्टी जल की आवश्यकता पड़ती है। इस प्रकार के जल की खपत की ओर किसी का ध्यान नहीं जाता।

प्रश्न 5. कम-से-कम जल का उपयोग करते हुए बगीचे लगाने तथा रखरखाव के लिए आप क्या कदम उठाएँगे ?

उत्तर- किसी बगीचे का रखरखाव हेतु बड़ी मात्रा में जल की आवश्यकता होती है। इसके लिए प्राय: भौमजल का उपयोग किया जाता है। वर्षा के रूप में जो जल हमें प्राप्त होता है, मेंढ़ बनाकर पानी को रोका जा सकता है। अपने बगीचे में जल को उपयोग मितव्ययिता से करेंगे। यदि बहुत बहुत वर्षों तक वर्षा न हो तो हम भौम-जल का उपयोग करेंगे। लेकिन उस तरह नहीं, जिस तरह गेहूँ के खेत या चाय के बागानों में करते हैं। चूँकि बगीचे में पेड़ दूर-दूर रहते हैं अत: घड़े में पानी भर कर हर पेड़ की जड़ के पास उसे गिराएँगे। पेड़ के नारों और मेड़ बना देंगे ताकि जल बर्बाद न हो। इस प्रकार हम भौगजल का सदुपयोग करेंगे। ध्यान रहे कि पेड़-पौधे भी भौम को नीने जाने से रोकते हैं।

प्रश्न 6. ऐसे सात उत्पादों के नाम बताएँ जो हम वनों से प्राप्त करते हैं। 

उत्तर-वनी से प्राप्त होने वाले उत्पाद निम्नलिखित हैं :

(i) गोद, (ii) लाह, (iii) मधु, (iv) औषधीय जड़ी-बूटियाँ, (v) रेशम के कीड़े, (vi) पत्तल बनाने के लिए पत्ते, (vii) कागज बनाने के लिए वृक्ष और बॉस, (viii) धूप, (ix) चंदन तथा (x) मसाले ।

प्रश्न 7. वनों में कुछ भी व्यर्थ नहीं होता है, क्यों ? समझाइये ।

उत्तर- ह्यूमस की उपस्थिति यह सुनिश्चित करती है कि मृत पादपों और जन्तुओं के पोषक तत्त्व मृदा में निर्मुक्त होते रहते हैं। वहाँ से ये पोषक तत्त्व पुनः सजीव पादपों •के मूलों द्वारा अवशोषित कर लिए जाते हैं। मृत जंतु, गिद्धों, कौओं, गीदड़ों और कीटों का भोजन बन जाते हैं। इस प्रकार पोषक तत्त्वों का चक्र चलता रहा है, जिससे वन में कुछ भी व्यर्थ नहीं होता है ।

प्रश्न 8. अपघटक किसे कहते हैं? ये वन एवं जीवों की वृद्धि में किस प्रकार सहायक हैं ?

उत्तर–पादपों और जंतुओं के मृत शरीर को ह्यूमस में परिवर्तित करनेवाले सूक्ष्मजीव अपघटक कहलाते हैं ।

जीवाणु कवक तथा फफूँदी ये दो अपघटक के नाम हो सकते हैं। वनों में ये मृत पादपों और जंतुओं के पोषक तत्त्व मृदा में निर्मुक्त करते रहते हैं । इसके बाद पोषक तत्त्व पुन: सजीव पांदपों के मूलों द्वारा अवशोषित कर लिए जाते । वन में कुछ भी व्यर्थ नहीं जाता है। मृत जंतु, गिद्धों, कौओं, गीदड़ों और कीटों का भोजन बन जाते हैं और इस प्रकार वनों में पोषक तत्त्वों का चक्र चलता रहता है ।

प्रश्न 9. ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड का संतुलन बनाए रखने में वनों के योगदान को समझाइए ।

उत्तर–पादप प्रकाशसंश्लेषण के प्रक्रम द्वारा कार्बन डाइऑक्साइड को ग्रहण करते हैं और ऑक्सीजन निर्मुक्त करते हैं। इस प्रकार वे वायुमंडल में ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड के संतुलन को बनाए रखने में वे अपना योगदान देते हैं

प्रश्न 10. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए: 

(क) कीट, मधुमक्खियाँ और पक्षी, पुष्पी पादपों की परागण मे सहायता करते हैं 

(ख) वन शुद्ध करते हैं जल और हवा को । 

(ग) वन में क्षयमान पत्तियाँ और जंतु पोषक तत्त्व को समृद्ध करते हैं । 

(घ) सूक्ष्मजीवों द्वारा मृत पादपों पर क्रिया से ह्यूमस बनता है। 

कुछ अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्न एवं उनके उत्तर

प्रश्न 1. महिलाओं को अनेक घरेलू कार्य करने पड़ते हैं। यदि उन्हें जल भी भरकर लाना पड़े, तो उनके काम का बोझ और बढ़ जाता है। 

उत्तर-निकट में जल उपलब्ध नहीं रहने के कारण महिलाओं को दूर-दूर से जल लाना पड़ता है। सरकार और जनता को इसकी चिंता करनी चाहिए। ऐसा प्रबंध किया जाना चाहिए कि जल निकट में ही उपलब्ध हो जाय। वर्षा जल का संचयन भी एक उपाय हो सकता है।

प्रश्न 2. किसी गली में पचास घर हैं, जिनके लिए दस नलकूप (ट्यूबवेल) लगाए गए हैं। भौमजल स्तर पर इसका दीर्घावधि प्रभाव क्या होगा ?

उत्तर–गली में यदि पचास घर हैं और उनके लिए दस नलकूप लगाए गए हैं तो भौमजल स्तर पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। लेकिन बहुत वर्षों तक यदि वर्षा न हो तो भौमजल कुप्रभावित हो सकता है । तब हम कह सकते हैं कि दीर्घावधि में यह प्रभाव पड़ सकता है कि भौमजल बहुत नीचे चला जायगा ।

प्रश्न 3. निम्नलिखित में से कौन-सा कारक जल की कमी के लिए उत्तरदायी नहीं है ?

(क) औद्योगीकरण में वृद्धि

(ख) बढ़ती जनसंख्या

(ग) अत्यधिक वर्षा

(घ) जल संसाधनों का कुप्रबंधन

उत्तर-(ग) अत्यधिक वर्षा ।

प्रश्न 4. सही विकल्प का चयन कीजिए:

(क) विश्व की सभी झीलों और नदियों में जल की कुल मात्रा नियत (स्थिर) रहती है।

(ख) भूमिगत जल की कुल मात्रा नियत रहती है ।

(ग) विश्व के समुद्रों और महासागरों में जल की कुल मात्रा नियत है ।

(घ) विश्व में जल की कुल मात्रा नियत है ।

उत्तर – (घ) विश्व में जल की कुल मात्रा नियत है।

प्रश्न 5. भौमजल और भौमजल स्तर को दिखाते हुए एक चित्र बनाइए । उसे चिह्नित कीजिए।

प्रश्न 6. समझाइए कि वन में रहनेवाले जंतु किस प्रकार बनों की वृद्धि करने और पुनर्जनन में सहायक होते हैं।

उत्तर-जंतुओं की लीद वनों की वृद्धि में प्राकृतिक और मुफ्तिया खाद का काम करती है। लीद के ढेर पर अनेक भृंग और कैटरपिलर (लाव) पनपते रहते हैं तथा अनेक नवोद्भिद भी अंकुरित होते रहते हैं। ये नवोद्भिद कुछ शाकों और झाड़ियों में भी मिलते हैं। जंतु भी कुछ पादपों के बीजों का प्रकीर्णित करते हैं। इस प्रकार जंतु वनों में पादपों की वृद्धि करने और उनके पुनर्जनन में सहायक होते हैं। वृक्षों की मान पत्तियाँ नवोद्भिदों को उगने के पोषक तत्व प्रदान करती हैं।

प्रश्न 7. समझाइए कि वन, बाढ़ की रोकथाम किस प्रकार करते हैं?

उत्तर – वृक्षों की उपस्थिति के कारण मृदा का अपरदन नहीं हो पाता। वृक्ष मृदा जल को बहने से रोकते हैं, जिससे बाढ़ भी आने से रुकती है। वन न सिर्फ बाढ़ों को नियंत्रित करने में सहायक होते हैं, बल्कि नदियों में जल प्रवाह को बनाए रखने में भी सहायक होते हैं, जिससे जल की सतत् आपूर्ति बनी रहती है। वृक्षों तथा अन्य पौधों की जड़ें सामान्यतः मृदा को एक साथ बाँधे रखती हैं। इस प्रकार वन मृदा के अपरदन तथा बाढ़ों की रोकथाम करते हैं।

प्रश्न 8. हमें अपने से दूर स्थित वनों से संबंधित परिस्थितियों और मुद्दों के विषय में चिंतित होने की क्यों आवश्यकता है।

उत्तर—क्योंकि वनों का पुनर्जनन नहीं हो पा रहा है और वह पालतू पशुओं द्वारा अत्यधिक चराई और वृक्षों की अंधाधुंध कटाई के कारण लुप्त होने के कगार पर आते जा रहे हैं। यदि हम वनों और पर्यावरण को संरक्षित रखने के साथ-साथ विकास कार्य करें तभी हमारी चिंता दूर हो सकती है, नहीं तो ग्लोबल वार्मिंग जैसी घटनाएँ घट सकती हैं। इसी कारण अपने से दूर स्थित वनों से संबंधित परिस्थितियों और मुद्दों के विषय में चिंतित होते हैं

प्रश्न 9. समझाइए कि वनों में विभिन्न प्रकार के जंतुओं और पादपों के होने की आवश्यकता क्यों है

उत्तर–वन विभिन्न पादपों, जंतुओं और सूक्ष्मजीवों से मिलकर बना एक तंत्र है । वनों की सबसे ऊपरी परत वृक्ष शिखर बनाते हैं, जिसके नीचे झाड़ियों द्वारा घासों को परत होती है। शाक जैसी वनस्पतियाँ सबसे नीचे की परत बनाती हैं। वनों में वनस्पतियों की विभिन्न परतें जंतुओं, पक्षियों और कीटों को भोजन प्रदान करती हैं। वन वन्य पशुओं को आश्रय प्रदान करते हैं। अपघटक वन में उगनेवाले पादपों के लिए पोषक तत्त्वों की आपूर्ति को बनाए रखने में सहायक होते हैं । इस प्रकार हम देखते हैं कि वनों में विभिन्न प्रकार के जंतुओं और पादपों का सदैव बने रहना नितांत आवश्यक है।

प्रश्न 10. सूक्ष्मजीवों द्वारा मृत पादपों पर क्रिया करने से बननेवाले एक उत्पाद का नाम है:

(i) बालू

(ii) मशरूम

(iii) ह्यूमस 

(iv) काष्ठ  

उत्तर-(iii) ह्यूमस









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