लिंग ( GENDER/LING )
लिंग किसे कहते हैं?
लिंग संस्कृत का शब्द है जिसका अर्थ होता है निशान।
जिस संज्ञा शब्द से व्यक्ति की जाति का पता चलता है उसे लिंग कहते हैं।
इससे यह पता चलता है की वह पुरुष जाति का है या स्त्री जाति का है।
• लिंग के दो भेद होते है :-
1. पुल्लिंग
2. स्त्रीलिंग
1. पुल्लिंग : जिन संज्ञा के शब्दों से पुरुष जाति का पता चलता है उसे पुल्लिंग कहते हैं।
जैसे :- पिता, राजा, घोडा, कुत्ता, बन्दर, हंस, बकरा, लडकी, आदमी, सेठ, मकान, लोहा, चश्मा, दुःख, प्रेम, लगाव, खटमल, फूल, नाटक, पर्वत, पेड़, मुर्गा, बैल, भाई , शिव, हनुमान, शेर आदि ।
पुल्लिंग अपवाद :-
पक्षी, फरवरी, एवरेस्ट, मोतिया, दिल्ली, स्त्रीत्व आदि ।
पुल्लिंग की पहचान
1. जिन शब्दों के पीछे अ, त्व, आ, आव, पा, पन, न आदि प्रत्यय आये वे पुल्लिंग होते हैं।
जैसे:- मन, तन, वन, शेर, राम, कृष्ण, सतीत्व, देवत्व, मोटापा चढ़ाव, बुढ़ापा, लडकपन, बचपन, लेन देन आदि। "
2. पर्वतों के नाम पुल्लिंग होते हैं।
जैसे :- हिमालय, हिमाचल विध्यांच्त, सतपुड़ा, आल्प्स, यूराल, कंचनजंगा, एवरेस्ट, फूजियामा, कैलाश, मलयाचल, माउन्ट एवरेस्ट आदि ।
3. दिनों के नाम पुल्लिंग होते हैं :
जैसे:- सोमवार, मंगलवार, बुद्धवार, वीरवार, शुक्रवार, शनिवार, रविवार आदि।
4. देशों के नाम पुल्लिंग होते हैं :
जैसे :- भारत, चीन, ईरान, यूरान, रूस, जापान, अमेरिका, पाकिस्तान, उत्तर प्रदेशहिमाचल, मध्य प्रदेश आदि ।
5. धातुओं के नाम पुल्लिंग होते हैं :
जैसे :- सोना, ताम्बा, पीतल, लोहा, चाँदी, पारा आदि ।
6. नक्षत्रों के नाम पुल्लिंग होते हैं:
जैसे:- सूर्य, चन्द्र, राहू, आकाश, शनि, बुद्ध, बृहस्पति, मंगल, शुक्र आदि।
7. महीनों के नाम पुल्लिंग होते हैं।
जैसे:- फरवरी, मार्च, चैत, आषाढ़, फागुन आदि।
8. द्रवों के नाम पुल्लिंग होते हैं।
जैसे:- पानी तेल, पेट्रोल, घी, शरबत, दही, दूध आदि।
9. पेड़ों के नाम पुल्लिंग होते हैं।
जैसे :- केला, पपीता, शीशम, सागौन, जामुन, बरगद, पीपल, नीम, आम, अमरुद, देवदार, अनार, अशोक, पलाश आदि ।
10. सागर के नाम पुल्लिंग होते हैं।
जैसे :- हिन्द महासागर, प्रशांत महासागर, अरब महासागर आदि।
11. समय के नाम पुल्लिंग होते हैं।
जैसे :- घंटा, पल, क्षण, मिनट, सेकेंड आदि।
12. अनाजों के नाम भी पुल्लिंग होते हैं।
जैसे :- गेंहूँ, बाजरा, चना, जौ आदि।
13. वर्णमाला के अक्षरों के नाम पुल्लिंग होते हैं।
जैसे:- अ, उ, ए, ओ, क, ख, ग, घ, च, छ, य, र, ल, व्, श आदि।
14. प्राणीवाचक शब्द हमेशा पुरुष जाति का ही बोध करते हैं।
जैसे:- बालक, गीदड़, कौआ, कवि, साधु, खटमल, भेडिया, खरगोश, चीता, मच्छर, पक्षी आदि।
15. समूह वाचक संज्ञा भी पुल्लिंग होती है।
जैसे :- मण्डल, समाज, दल, समूह, सभा, वर्ग, पंचायत आदि।
16. भारी और बेडौल वस्तु भी पुल्लिंग होती है।
जैसे :- जूता, रस्सा, पहाड़, लोटा आदि ।
17. रत्नों के नाम भी पुल्लिंग होते हैं।
जैसे :- नीलम, पुखराज, मूँगा, माणिक्य, पन्ना, मोती, हीरा आदि ।
18. फूलों के नाम पुल्लिंग होते हैं।
जैसे :- गेंदा, मोतिया, कमल, गुलाब आदि ।
19. द्वीप भी पुल्लिंग होते हैं।
जैसे :- अंडमान-निकोबार, जावा, क्यूबा, न्यू फाउंलैंड आदि ।
20. शरीर के अंग पुल्लिंग होते हैं।
जैसे:-हाथ, पैर, गला, अंगूठा, कान, सिर, मुंह, घुटना, हृदय, दांत, मस्तक आदि । .
21. दान, खाना, वाला से खत्म होने वाले शब्द हमेशा पुल्लिंग होते हैं।
जैसे:- खानदान, पीकदान, दवाखाना, जेलखाना, दूधवाला दुकानवाला आदि।
22. आकारान्त संज्ञा पुल्लिंग होती है।
जैसे:- गुस्सा, चश्मा, पैसा, छाता आदि ।
2. स्त्रीलिंग :- जिन संज्ञा शब्दों से स्त्री जाति का पता चलता है उसे स्त्रीलिंग कहते हैं।
जैसे: हंसिनी, लड़की, बकरी, माता, रानी, जूं, सुईं, गर्दन, लज्जा, बनावट, घोड़ी, कुतिया, बंदरिया, कुर्सी, पत्ती, नदी, शाखा, मुर्गी, गाय, बहन, यमुना, बुआ, लक्ष्मी, गंगा, लडकी, औरत, शेरनी, नारी झोंपड़ी, लोमड़ी आदि ।
स्त्रीलिंग के अपवाद
जैसे: जनवरी, मई, जुलाई, पृथ्वी, मक्खी, ज्वार, अरहर, मूंग, चाय, काफी, लस्सी, चटनी, इ, ई. ऋ, जीभ, आँख, नाक, उँगलियाँ, सभा, कक्षा, संतान, प्रथम, तिथि, छाया, खटास मिठास, आदि ।
स्त्रीलिंग प्रत्यय
• जब पुल्लिंग शब्दों को स्त्रीलिंग बनाया जाता है तब प्रत्ययों को शब्दों में जोड़ा जाता है जिन्हें स्त्रीलिंग प्रत्यय कहते हैं।
जैसे :-
ई = बड़ा - बड़ी, भला - भली आदि ।
इनी = योगी - योगिनी, कमल - कमलिनी आदि ।
इन = धोबी - धोबिन, तेल - तेली आदि ।
नि = मोर - मोरनी, चोर - चोरनी आदि ।
आनी = जेठ-जेठानी, देवर - देवरानी आदि ।
आइन = ठाकुर - ठकुराइन, पंडित - पण्डिताइन आदि।
इया = बेटा - बिटिया, लोटा - लुटिया आदि।
स्त्रीलिंग की पहचान
1. जिन संज्ञा शब्दों के पीछे ख, ट, वट, हट, आनी आदि आयें वे सभी स्त्रीलिंग होते हैं।
जैसे: कडवाहट आहट, बनावट, शत्रुता, मूर्खता, मिठाई, छाया, प्यास, ईख, भूख, चोख, राख, कोख, लाख, देख,रेख झंझट, आहट, चिकनाहट, सजावट, इन्द्राणी, जेठानी, ठकुरानी, राजस्थानी आदि ।
2. अनुस्वारांत, ईकारांत, उकारांत, तकारांत, सकारांत आदि संज्ञाएँ आती है वे स्त्रीलिंग होते हैं।
जैसे :- रोटी, टोपी, नदी, चिट्ठी, उदासी, रात, बात, छत, भीत, लू, बालू, दारू, सरसों, खड़ाऊं, प्यास, वास, साँस, नानी, बेटी, मामी, भाभी आदि ।
3. भाषा, बोलियों तथा लिपियों के नाम स्त्रीलिंग होती हैं :
जैसे :- हिंदी, संस्कृत, देवनागरी पहाड़ी, अंग्रेजी, पंजाबी गुरुमुखी, फ्रांसीसी, अरबी , फारसी, जर्मन, बंगाली, रुसी आदि ।
4. नदियों के नाम स्त्रीलिंग होते हैं :
जैसे :- गंगा, यमुना, गोदावरी, सरस्वती, रावी, कावेरी, कृष्णा, व्यास, सतलुज, झेलम ताप्ती, नर्मदा आदि।
5. तरीखो और तिथियों के नाम स्त्रीलिंग होते हैं ।
जैसे :- पहली, दूसरी, प्रतिपदा, पूर्णिमा, पृथ्वी, अमावस्या, एकादशी, चतुर्थी, प्रथमा आदि ।
6. नक्षत्रों के नाम स्त्रीलिंग होते हैं ।
जैसे:- अश्विनी, भरणी, रोहिणी, रेवती, मृगशिरा, चित्रा आदि ।
7. हमेशा स्त्रीलिंग रहने वाली संज्ञा होती हैं ।
जैसे :- मक्खी, कोयल, मछली, तितली, मैना आदि ।
8. समूहवाचक संज्ञा स्त्रीलिंग होते हैं।
जैसे :- भीड़, कमेटी, सेना, सभा, कक्षा आदि ।
9. प्राणीवाचक संज्ञा स्त्रीलिंग होती हैं।
जैसे:- धाय, संतान, सौतन आदि ।
10. पुस्तकों के नाम स्त्रीलिंग होते हैं ।
जैसे:- कुरान, रामायण, गीता, रामचरितमानस बाइबल, महाभारत आदि ।
11. आहारों के नाम स्त्रीलिंग होते हैं।
जैसे:- सब्जी, दाल, कचौरी, पूरी, रोटी, पकोड़ी आदि ।
12. शरीर के अंगों के नाम स्त्रीलिंग होते हैं ।
जैसे:- आँख, नाक, जीभ, पलक, उँगली, ठोड़ी आदि ।
13. अभुष्ण और वस्त्रों के नाम स्त्रीलिंग होते हैं ।
जैसे:- साड़ी, सलवार, चुन्नी, धोती, टोपी, पेंट, कमीज, पगड़ी, माला, चूड़ी, बिंदी, कंघी, नथ, अंगूठी आदि ।
14. मशालों के नाम भी स्त्रीलिंग होते हैं।
जैसे:- दालचीनी, लौंग, हल्दी, मिर्च, धनिया, इलायची, अजवाइन, सौंफ, चाय आदि
15. राशि के नाम स्त्रीलिंग होते हैं ।
जैसे :- कुम्भ, मीन, तुला, सिंह, मेष, कर्क आदि ।
पुल्लिंग और स्त्रीलिंग दोनों में प्रयुक्त होने वाले शब्द इस प्रकार हैं :-
प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, चित्रकार, पत्रकार, गवर्नर, लेक्चर, वकील, डॉक्टर, सेक्रेटरी, प्रोफेसर, शिशु, दोस्त, बर्फ, मेहमान, मित्र, ग्राहक, मैनेजर, श्र्वास, मंत्री आदि।
पुल्लिंग से स्त्रीलिंग बनाने के नियम इस प्रकार हैं
1. अ आ पुल्लिंग शब्दों को जब ई' कर दिया जाता है तो वे स्त्रीलिंग हो जाते हैं
जैसे :-
पुल्लिंग = स्त्रीलिंग
गूँगा = गूँगी
गधा = गधी
देव = देवी
नर = नारी
नाला = नाली
2. अ,आ, तथा वा की जगह पर इया' लगा कर ।
जैसे :-
पुल्लिंग = स्त्रीलिंग
लोटा = लुटिया
बन्दर = बंदरिया
बुढा = बुढिया
बेटा = बिटिया
चिड़ा = चिडिया
3. जब अक जैसे तत्सम शब्दों में इका' जोडकर भी स्त्रीलिंग बनाए जाते हैं ।
जैसे :-
अध्यापक + इका = अध्यापिका
पत्र + इका = पत्रिका
चालक + इका = चालिका
सेवक + इका = सेविका
गायक + इका = गायिका
लेखक + इका = लेखिका
पाठक + इका = पाठिका
संपादक + इका= संपादिका
4. जब पुल्लिंग को स्त्रीलिंग बनाया जाता है तो कभी कभी नर या मादा लगाना पड़ता है।
जैसे :-
तोता = मादा तोता
खरगोश = मादा खरगोश
मच्छर = मादा मच्छर
जिराफ = मादा जिराफ
खटमल = मादा खटमल
मगरमच्छ = मादा मगरमच्छ
उल्लू = मादा उल्लू
कोयल = नर कोयल
चील = नर चील
मकड़ी = नर मकड़ी
भेड़ = नर भेड़ -
मक्खी: = नर मक्खी
गिलहरी = नर गिलहरी
मैना : = नर मैना
कछुआ = नर कछुआ
भालू = मादा भालू
भेडिया = मादा भेडिया
5. कुछ शब्द स्वतंत्र रूप से स्त्री पुरुष के स्वंय में ही जोड़े होते हैं। कुछ पुल्लिंग शब्दों के स्त्रीलिंग बिलकुल उल्टे होते हैं।
जैसे :-
सम्राट = सम्राज्ञी
पिता = माता
भाई = बहन
वर = वधू
पति = पत्नी
मर्द = औरत
पुरुष = स्त्री
पुत्र = कन्या
फूफा = बुआ
6. कुछ शब्दों का स्त्रीलिंग न हो पाने की वजह से उनमें आनी प्रत्यय लगाकर स्त्रीलिंग बनाया जाता है।
जैसे :-
ठाकुर + आनी = ठकुरानी
सेठ + आनी = सेठानी
चौधरी + आनी चौधरानी
देवर + आनी = देवरानी =
नौकर + आनी = नौकरानी
इंद्र + आनी = इन्द्राणी
जेठ + आनी = जेठानी
मेहतर + आनी = मेहतरानी
पण्डित + आनी = पंडितानी
7. कभी कभी पुल्लिंग के कुछ शब्दों में इन जोडकर स्त्रीलिंग बनाया जाता है।
जैसे :-
साँप + इन = सांपिन
सुनार + इन = सुनारिन
नाती + इन = नातिन
दर्जी + इन = दर्जिन
कुम्हार + इन = कुम्हारिन
लुहार + इन = लुहारिन
माली + इन = मालिन
धोबी + इन = थोबिन
बाघ + इन = बाघिन
8. कभी कभी बहुत से शब्दों में आइन' जोडकर स्त्रीलिंग बनाए जाते हैं ।
जैसे :-
चौधरी + आइन =चौधराइन
हलवाई + आइन = हलवाइन
गुरु + आइन गुरुआइन
पंडित + आइन = पण्डिताइन
ठाकुर + आइन = ठकुराइन
बाबू + आइन = बबुआइन
9. जब पुल्लिंग शब्दों में ता की जगह पर त्री' लगा दिया जाता है तो वे स्त्रीलिंग बन जाते है
जैसे :-
नेता = नेत्री
दाता = दात्री
अभिनेता अभनेत्री
रचयिता = रचयित्री
विधाता = विधात्री
वक्ता = वक्त्री
धाता = धात्री
10. जब पुल्लिंग के जाति और भाव बताने वाले शब्दों में नी लगा दिया जाता है तो वे स्त्रीलिंग में बदल जाते हैं ।
जैसे :-
सियार + नी = सियारनी
हिन्दू + नी = हिन्दुनी
ऊँट + नी = ऊंटनी
शेर + नी = शेरनी
भील + नी = भीलनी
हंस + नी = हंसनी
मोर + नी = मोरनी चोर + नी = चोरनी
हाथी + नी = हथिनी
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